Though Neither I am not a professional writer, nor I am willing to be As this blog is true color of mine , I am placing one of my effort . I am not reiterating to recognize my lackluster poet though :) . If you find it yawning, please scroll forward :).
बना सकूँ ना ताजमहल तेरी याद में , लेकिन प्यार तो है
पढ़े ना जायें शेर अपने नाम के , लेकिन प्यार तो है |
मुहताज नहीं हैं ज़ज्बात , किसी तारीफ के अपना,
गरज नहीं है लबों को , सब कुछ कहना,
आतें भी नहीं उतर , नीर सदा आँखों में,
देते भी नहीं हम खो , नींद रातों में |
मतलब नहीं सबूतों का, प्रत्यक्ष दिल तार तार तो है |
बना सकूँ ना ताजमहल तेरी याद में , लेकिन प्यार तो है |
हम वो भी नहीं हैं , जो दुनियाँ को भुला देते हैं ,
कोशिश हंसाने की सबको, पर खुद को ही रुला देते हैं |
रहें ना फ़िज़ा खुद की महफूज , गम-ए इश्क़ निराधार तो है
खातिर आपकी नज़रों में फिर भी , इंतज़ार तो है |
बना सकूँ ना ताजमहल तेरी याद में , लेकिन प्यार तो है |
द्वारा : सुमित