because I write....

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Thursday, June 20, 2013

चेहरे की अहमियत क्या है ? : Exclusive of Mine



  Though  I am  neither a professional writer, nor a willing to be. However, as this blog is true color of mine , I am placing one of my effort . I am not emphasizing you to recognize  my lackluster  poet though :) .
This poem is a sarcasm on what is going in our society. Hope you will like . If you find it yawning , please scroll forward :)
.
Also, I beg your pardon for excessive usage of term " Chehre"


सुंदर चेहरे,  स्वकच्छ चेहरे
लहू लहाने जंग, ये रक्त चेहरे ,
हँसते चेहरे , मौन चेहरे
आँसुओं में गौण चेहरे ..
फिर भी ... चेहरे की अहमियत ही क्या है ..

आभूषणों से लदे चेहरे
पसीने से सने चेहरे ,
रिश्तों के मापक चेहरे
ममता के सूचक चेहरे |

होता नही  जब इंसान सफल ,
लेकर भी साथ मुक्कद्दर |
सलाम -ए दिन होती है कुछ की ,
केवल सूरत दिखला कर |

कहने को तो विश्वास दीया , और मेहनत उसकी बात्ती है ,
पर अक्सर ही चेहरा, उन होनहारों से भी नौकरी कराती है |

जो बनाती है किस्मत, फिर उस चेहरे की अहमियत ही क्या है ...?

चेहरा देख कर ही इंसान पहचाना जाता है ,
धो देने से जिसको, आदमी ही बदल जाता है .
कहीं भरते हैं ये , सौ रंग जिंदगी में ,
तो कहीं चेहरे पर भी , परदा लगाया जाता है |

नायिकाओं के सुनहरे चेहरे, राजनेताओं के बदलते चेहरे ,
मर्यादाओं से झुके चेहरे , वीरांगनाओं के रोते चेहरे .
चेहरे को ही जीता हर आदमी , फिर चेहरे की अहमियत ही क्या है ?

चेहरे से बनते हैं रिस्ते , होता भी प्यार इसी से ,
जान देता नहीं कोई किसी पे, सब है चेहरे के ही किस्से |
होता नहीं चेहरा जो अग्रिम , फिर तस्वीरों में यह ही क्यूँ आता है ?
देखता इंसान जब प्रतिबिंब , क्यूँ चेहरा ही मिलाता है ?

भावनाओं का लिटमस भी है चेहरा ही, फिर चेहरे की अहमियत क्या है ?

हुस्न से महकते चेहरे, भूख से बिलखते चेहरे
चन्दन से शीतल कहीं, कहीं धूप से जलते चेहरे ,

मुहब्बत हो या दुश्मनी , चेहरे को ही निभाना पड़ता है ,
बदलते हैं मौसम चाहे कितने, चेहरा को ही बताना पड़ता है |
किसने देखे कितने बसंत , चेहरा रखे है प्रमाण इसका भी,
चाहे बदल दो घड़ी जितनी , बोलता है झूठ आईना कभी ?
चाहता है इंसान जिसे हद से ज़्यादा, परित्याग उसी का पहले क्यूँ करता है ?
मरता तो संपूर्ण तन है, फिर जलना पहले चेहरे को ही क्यूँ पड़ता है ?

कॉसमॅटिक में लिपटे चेहरे, मुखौतों में छिपे चेहरे ,
क़र्ज़ में डूबे चेहरे, फ़र्ज़ में लगे चेहरे ,
सख़्त चेहरे, तटस्थ चेहरे, हर रोग से ये ग्रस्त चेहरे |

अब तो मत पूछो ......................
चेहरे की अहमियत क्या है ?



द्वारा: सुमित.


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